सांची स्तूप क्या है? आज हम सांची sanchi stupa के बारे में बात कर रहे हैं, यह बहुत ही प्रसिद्ध स्तूप है जो भारत के विश्व धरोहर सूची में आता है यहां पर जाकर कोई भी व्यक्ति जो टेंशन में है वह टेंशन मुक्त हो जाता है
300 फुट ऊंची पहाड़ी पर स्थित सांची स्तूप बौद्ध धर्म के लिए विशेष महत्व रखता है Sachi स्तूप में जाते ही Shanti mahsus hoti hai. तथा तीसरी शताब्दी मैं बने यहां कई स्मारक है।
what is sanchi stupa . सांची स्तूप क्या है।
सांची स्तूप में बौद्ध स्मारक है जहां पर जाकर बौद्ध धर्म से संबंधित सभी चीजों को ज्ञात किया जा सकता है और बौद्ध धर्म या महात्मा बुद्ध से संबंधित घटनाओं से जानकारी हासिल की जा सकती है और अपने जीवन में उन घटनाओं से सीख ली जा सकती है।
who built the sanchi stupa .who made sanchi stupa
सांची स्तूप किसने बनवाया था। आपको ज्ञात हो कि सन 1818 से पहले लोगों के अनजान था 1818 में अंग्रेज सर जॉन टेलर पता लगाया था कि यह बौद्ध से संबंधित स्मारक है उसी क्रम को ध्यान रखते हुए सन 1912 में पुरातत्व आते डीजे जॉन मार्शल की अगुवाई में इस स्थान पर खुदाई का कार्य प्रारंभ हुआ था
कहा जाता है कि सांची में पहले कई बौद्ध विहार हुआ करते थे यहां पर एक सरोवर भी है जिसकी सीढ़ियां बौद्ध कालीन मानी जाते हैं। इस स्तूप को तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में महान सम्राट अशोक में बनवाया था जिसकी ऊंचाई 16.5 मीटर है।
sanchi stupa images
when was sanchi stupa built सांची स्तूप भोपाल के निकट स्थित है यहां पर ट्रेन के माध्यम से भोपाल से 45 मिनट में पहुंचा जा सकता है।
buddhist monuments at sanchi
sanchi stupa madhya pradesh सांची भारत के मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल के निकट स्थित है लेकिन यह स्थान रायसेन जिले में आता है।
sanchi stupa architecture
सांची स्तूप का निर्माण हिंदुत्व शैली में ही बनवाया गया था क्योंकि बौद्ध धर्म में हिंदू धर्म से काफी कुछ हद तक समान रहता है बौद्ध धर्म भी शांति का प्रतीक माना जाता है उसी प्रकार हिंदू धर्म भी शांति का प्रतीक है इसीलिए कहा जा सकता है हिंदुत्व शैली में ही इसका निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया था।
brief history of sanchi stupa
सांची स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया स्तूप का निर्माण के पीछे का रहस्य बस इतना ही है की यह शांति का प्रतीक है इसको बनवाने का उद्देश केवल इतना ही था की सम्राट अशोक बहुत से युद्ध जीते और अंत में उनको एहसास हुआ की युद्ध मैं लोगों के जिंदगी तबाह हो जाती है और घर उजड़ जाते हैं इसीलिए महान सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म अपनाया और सांची के स्तूप का निर्माण करवाया था।
location of sanchi stupa
Sanchi stoop भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में पड़ता है लेकिन यह विदिशा से बहुत ही नजदीक है एवं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से ट्रेन मार के द्वारा 43 मिनट में पहुंचा जा सकता है।
sanchi stupa madhya pradesh सांची भारत के मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल के निकट स्थित है लेकिन यह स्थान रायसेन जिले में आता है।
sanchi stupa temple
सांची स्तूप में कई छोटे-छोटे मंदिर है, यहां पर एक सरोवर भी है जिसकी सीढ़ियां बौद्ध कालीन मानी जाती हैं यहां पर बड़े स्तूप में भगवान बहुत एवं छोटे स्तूप में उनके शिष्यों को बताएंगे सबसे बड़े स्तूप को महा स्तूप कहा जाता है। भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन आता है और यह विश्व विरासत सूची में 15 अक्टूबर 1982 को शामिल हो गया था।
oldest stupa in india
सांची का स्तूप भारत का सबसे पुराना स्तूप कहा जाता है क्योंकि इस स्कूल के पास एक संग्रहालय भी है जिसका निर्माण 1919 में भारतीय पुरातत्व विभाग के director जनरल जॉन मार्शल ने बनवाया था बाद में यह संग्रहालय छोटा पड़ने के कारण उसी के नजदीक पहाड़ी पर स्थित एक कॉलेज को अधिकृत कर संग्रहालय खोला गया।
sanchi stupa bhopal
सांची स्तूप मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के निकट स्थित है भोपाल से कटनी मार्ग के द्वारा पहुंचा जा सकता है। हवाई जहाज के द्वारा भी निकटतम हवाई अड्डा भोपाल में स्थित है।
Entry fees – Bhartiya nagrik kaun se₹10 एवं विदेशी नागरिकों से ₹250 लगते हैं टिकट 2 घंटे तक ही वैध रहता है।
भ्रमण समय। visiting time
सांची स्तूप सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है इस बीच आप सांची स्तूप घूम सकते हैं और भ्रमण कर सकते हैं।
अनुकूल समय। Vest time
इस स्तूप पर आप वर्ष भर में कभी भी जा सकते हैं और भ्रमण कर सकते हैं। इसके नजदीक भोपाल का तालाब आदि दर्शनीय स्थल हैं जिन्हें भी देखा जा सकता है