

न्यूट्रल कैसे बनता है न्यूट्रल वायर क्या होता है Neutral और Earth मे क्या अंतर होता है
आज के टॉपिक में हम फेज न्यूट्रल तथा अर्थ तार के बारे में जानेंगे । इनके क्या क्या नाम होते हैं तथा यह किस प्रकार से काम करते हैं । फेज क्या है न्यूट्रल वायर क्या होता है Neutral और Earth मे क्या अंतर होता है न्यूट्रल कैसे बनता है
फेज वायर क्या होता है ? फेज वायर को किस नाम से जाना जाता है ?
फेज वायर को जिंदा काट भी कहा जाता है । इसे हॉट वायर के नाम से भी जाना जाता है । इसे हम मैन वायर के नाम से भी पुकार सकते हैं ।
फेज वायर उस तार को कहा जाता है जो कि करंट को लेकर के आ रहा है । उसे फेज वायर का जाता है । फेज वायर के रास्ते से करंट आता है ।
न्यूट्रल वायर क्या होता है ? न्यूट्रल वायर के और क्या क्या नाम है ?
न्यूट्रल को हम कोल्ड वायर भी कह सकते हैं । इसे ठंडा वायर के नाम से भी जाना जाता है ।
न्यूट्रल वायर या फिर ठंडा तार उस तार को कहा जाता है जो कि करंट को लेकर जाता है । करंट को ले जाने वाले तार को न्यूट्रल का जाता है । न्यूट्रल वायर के रास्ते से करंट जाता है ।
अर्थ वायर किसे कहते हैं ?
अर्थ वायर भी एक न्यूट्रल तार होता है । इस तार को सेफ्टी के लिए यूज किया जाता है ।
किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में गलती से लिख हुए फेज करंट को बाहर निकालने के लिए अर्थिंग तार का उपयोग किया जाता है ।
फेज वायर से जितना करंट आता है उतना ही करंट न्यूट्रल वायर से जाना जरूरी होता है । फेज तथा न्यूट्रल दोनों ही करंट जरूरी होते हैं । फेज का आना जरूरी होता है तो न्युट्रल का जाना भी जरूरी होता है ।
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फेज न्यूट्रल तथा अर्थ तार की पहचान कैसे करें ?
सुरक्षा की दृष्टि से फेज तार को लाल कलर से रंगा जाता है । इसके साथ ही न्यूट्रल तार को किसी अन्य रंग से रंग दिया जाता है । जबकि अर्थिंग वायर को हमेशा हरे रंग से ही रंगा जाता है ।
जब तक आप न्यूट्रल तार के टच नहीं होंगे तब तक आप को बिजली का झटका नहीं लगेगा ।
तार पर बैठी पक्षियों को करंट क्यों नहीं लगता है ?
आपने देखा होगा कि तारों पर पक्षी बैठे रहते हैं और उन्हें करंट भी नहीं लगता है । क्योंकि पक्षी जिस तार पर बैठे होते हैं वह फेज तार होता है । उनमें कोई भी न्यूट्रल नहीं होता है । क्योंकि जब फेज तथा न्यूट्रल आपस में मिलते हैं तभी करंट लगता है ।
पक्षी हमेशा एक ही तार पर बैठे रहते हैं । वह तार फेज होता है । जब तक उनका कनेक्शन न्यूट्रल तार से नहीं होगा तब तक उन्हें करंट नहीं लगेगा ।
बिजली के खंभे पर लगे चार तारों में से तीन तार फेज के होते हैं तथा एक तार न्यूट्रल का होता है ।
पृथ्वी यानी की जमीन को सबसे बड़ा न्यूट्रल माना जाता है ।
क्या तार से लटके हुए इंसान को बिजली का झटका लगेगा ?
तार से लटके हुए इंसान को बिजली का झटका नहीं लगेगा । क्योंकि तार से लटके हुए इंसान को फेज करंट मिला है । जब तक उसे न्यूट्रल करंट नहीं मिलेगा तब तक उसे बिजली का झटका नहीं लगेगा ।
बिजली से चलने वाली ट्रेन कैसे चलती है ?

बिजली से चलने वाली ट्रेन के ऊपर जो तार होता है उस तार में फेज धारा बहती रहती है । वह तार फेज होता है । जबकि ट्रेन की पटरी जमीन से टच हुई रहती है । जमीन न्यूट्रल का काम करती है । जिससे कि ट्रेन को न्यूट्रल मिल जाता है । इस प्रकार से ट्रेन चल जाती है ।
यदि ट्रेन पर खड़ा कोई व्यक्ति बिजली के तार को छूता है तो उसे करंट का झटका लगेगा । क्योंकि बिजली के तार में फेज करंट होता है तथा जमीन के रास्ते से होकर ट्रेन से उसे न्यूट्रल करंट मिलेगा और उस व्यक्ति को बिजली का झटका लगेगा ।
अर्थिंग का प्रतिरोध 8 ओम से भी कम होना चाहिए । अर्थिंग का प्रतिरोध हमेशा 8 ओम से कम रखना चाहिए ।
मनुष्य के भीगे हुए शरीर का प्रतिरोध 1000 होता है जबकि सूखे हुए शरीर का प्रतिरोध 100000 हो जाता है ।
इसका मतलब यह हुआ कि हमारा शरीर भीगा हुआ है तो 1000 के प्रतिरोध से करंट को धकेलेगा और यदि सुखा हुआ है तो एक लाख के प्रतिरोध से करंट को धकेलेगा ।
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अर्थिंग वायर कैसे बनाया जाता है ?
जमीन के अंदर 10 से 15 फीट की गहराई पर तांबे की एक प्लेट को गाड़ दिया जाता हैतांबे की उस प्लेट से एक तार को जोड़कर के लोहे की डंडी से जोड़ दिया जाता है
लोहे की डंडी से एक तार को जोड़ करके बोर्ड के अर्थिंग वायर से जोड़ दिया जाता है इस प्रकार से अर्थिंग का निर्माण किया जाता है ।
लोहे के डंडे से एक हरे रंग के तार को जोड़ दिया जाता है और इस तार को बिजली के बोर्ड में लगे हुए सबसे बड़े वाले छेद से जोड़ दिया जाता है ।
अर्थिंग बनाने के लिए कोयला नमक तथा चारकोल का प्रयोग किया जाता है ।
अर्थिंग का छेद मोटा तथा लंबा क्यों बनाया जाता है ?
अर्थिंग तार का छेद को मोटा तथा लंबा इसलिए बनाया जाता है । क्योंकि यह लीकेज करंट को ले जाने का काम करता है । यदि हम गलती से टच कर लेते हैं तब यदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में लिकेज होगा तो भी हमें करंट का झटका नहीं लगेगा । क्योंकि यह तार मोटा तोता लंबा होने के कारण पहले से ही करंट को ले जाएगा ।
यदि कोई तार मोटा होता है तो उसका प्रतिरोध कम हो जाता है । इसीलिए अर्थिंग वायर को मोटा बनाया जाता है । जिससे कि प्रतिरोध कम हो जाता है और लीकेज करंट जल्दी से इस तार में आ जाता है ।जिससे कि करंट का झटका लगने की संभावना कम हो जाती है ।
बिजली के खंभे पर कितने फेज तार होते हैं ?
बिजली के खंभे पर 3 फेज तार होते हैं तथा 1 न्यूट्रल तार होता है । बिजली के खंभे पर 3 फेज तार इसलिए दिए जाते हैं ताकि बिजली का लोड पावर स्टेशन पर ना पड़े ।
बिजली का लोड एक तार से ज्यादा हो जाता है । बिजली के लोड को कम करने के लिए भेज तारों की संख्या को बढ़ा दिया जाता है । जिससे कि सभी घरों में सही तथा पर्याप्त बिजली की आपूर्ति हो ।
यदि एक ही फेज तार होगा तो बिजली का सारा का सारा लोड एक ही तार पर पड़ेगा और बिजली की आपूर्ति नहीं हो पाएगी । यदि तारों की संख्या अधिक कर दी जाए तो लोड अलग-अलग तारों मे विभाजित हो जाएगा ।