आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने वाले भारत के 8 औषधीय पौधे

आयुर्वेदिक जड़ी बूटी लिस्ट – औषधीय पौधों की खेती। सर्पगंधा की खेती। औषधि फसल के नाम .इन औषधीय पौधों को लगाकर किसान हो सकते हैं मालामाल। aushadhi vanaspati information in hindi
आज हम भारत में मौजूद औषधीय पौधों के बारे में जानेंगे । हम यह भी जानेंगे कि इन औषधीय पौधों का क्या महत्व है । यह औषधि पौधे हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण तथा फायदेमंद है ।
औषधीय पौधों की मांग आज बाजार में दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है । इसकी मांग वैश्विक बाजारों तक भी पहुंच चुकी है और इसका उत्पादन करके हम इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं ।
इन फसलों की खेती या फिर बुवाई करके किसान अपनी पैदावार को बड़ा करके अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकता है । यह किसान की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में काफी सहायक होगी ।
आयुर्वेदिक जड़ी बूटी लिस्ट – भारत में कौन-कौन से औषधीय पौधे हैं ?
औषधि पौधे के नाम
1 .अश्वगंधा
2 . कालमेघ
3 . सतावर
4 . सर्पगंधा
5 . इसबगोल
6 . सनाय
7 . घृतकुमारी
औषधीय पौधा अश्वगंधा के बारे में जानकारी
aushadhi vanaspati information in hindi – इसको सभी औषधियों में सर्वोपरि माना जाता है । इस फसल की सूखी जड़ों की मांग देश और विदेश में बहुत ज्यादा है । इसकी मांग भी बहुत तेजी से बढ़ रही है ।
अश्वगंधा की उन्नत किस्मों के नाम
1 . पोषिता
2 . शताब
3 . निमटली 118
अश्वगंधा के साथ साथ किसान काल मेघा की खेती करके भी अच्छा मुनाफा कमा सकता है । इस पौधे की प्रत्येक चीज औषधीय निर्माण में काम आती है । सीफ मेघा कॉल मेघा की उन्नत प्रजाति है ।
इसकी बुवाई मई से जुलाई महीने के बीच में की जाती है तथा इस फसल की कटाई सितंबर से अक्टूबर महीने तक की जा सकती है ।
यदि किसान मानसून की बारिश के साथ इस फसल की बुवाई करके अच्छे से मेहनत करे तो 3 से 4 टन प्रति हेक्टेयर इस फसल का उत्पादन किया जा सकता है । इस हिसाब से किसान 35 से ₹45000 तक की आमदनी कर सकता है ।
औषधीय पौधा सतावर की फसल – aushadheey paudha sataavar kee phasal
Medicinal plant Vineyard crop – यह एक जाड़ी नुमा पौधा होता है । इसकी खेती उष्ण तथा उष्णकटिबंधीय जलवायु में 50 से 100 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा और 10 से 40 डिग्री तापमान में आसानी से की जा सकती है ।
भारतीय जलवायु में इसकी खेती लाभदायक होती है । इस फसल की जड़ों का उपयोग बलवर्धक तथा दूध वर्धक औषधि के रूप में किया जाता है । सतावर की उन्नत किस्म का प्रयोग करके अच्छा खासा लाभ कमाया जा सकता है ।
सतावर की उन्नत किस्म के नाम – sataavar kee unnat kism ke naam
1 . शिव शक्ति
2 . शिव सुनहरी
सतावर की खेती से 5 टन प्रति हेक्टेयर जड़ों का उत्पादन किया जा सकता है । जिसमें ढाई से ₹300000 प्रति हेक्टेयर आमदनी अर्जित की जा सकती है ।
सर्पगंधा के औषधीय पौधे – sarpagandha ke aushadheey paudhe
Medicinal plants of snakebundha – गर्म तथा आदर जलवायु में पैदा होने वाला सर्पगंधा का पौधा भी औषधीय पौधा होता है । इस पौधे की जड़ों से उक्त रक्तचाप नियंत्रण नियंत्रण करने वाली दवाओं का निर्माण किया जाता है ।
सर्पगंधा की फसल डेढ़ से 2 वर्ष में तैयार हो जाती है । इसके जड़ों की पैदावार 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त की जा सकती है और किसान को दो से ढाई लाख रुपए तक का शुद्ध लाभ प्राप्त हो सकता है ।
बागवानी वाले क्षेत्रों में भी इस पौधे की खेती की जा सकती है । यह एक ऐसा पौधा है । अमरूद , नींबू आंवले के जैसे बागवानी क्षेत्र में भी इसकी खेती की जा सकती है ।
औषधीय पौधा ईसबगोल के बारे में जानकारी
aushadheey paudha eesabagol ke baare mein jaanakaaree – मयूरीका ईसबगोल की उन्नत किस्म है । जिनकी खेती से 4 से 5 महीने में ही 12 से 16 क्विंटल बीज का उत्पादन हो जाता है । इन किस्मों की खेती से 70 से 80 हजार प्रति हेक्टेयर तक का मुनाफा कमाया जा सकता है ।
औषधि पौधा सनाय के बारे में जानकारी -Information about medicine plant sanay
aushadhi paudha sanaay ke baare mein jaanakaaree – इसको आप एक प्लांट की तरह लगा सकते हैं । सनाय की फलियों तथा पत्तियों में से सेनोसाइड पाया जाता है । जिसका चिकित्सा पद्धति में दस्तावर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है । सोनल सनाय की एक उन्नत प्रजाति है ।
जिसकी खेती से इनकी फलियों को 4 महीने में 3 बार तोड़ा जा सकता है । किसान को लगभग 25 से ₹30000 प्रति हेक्टेयर तक का शुद्ध लाभ प्राप्त किया जा सकता है ।
Aloe vera plant – घृतकुमारी या फिर एलोवेरा औषधि पौधा
ghrtakumaaree ya phir elovera aushadhi paudha – घृतकुमारी या एलोवेरा एक महत्वपूर्ण औषधि फसल बन चुकी है । जिसका उपयोग विभिन्न दवाओं तथा सौंदर्य उत्पादों के रूप में किया जा रहा है ।
शिव शीतल घृतकुमारी की उन्नत किस्म है । जिस की खेती से किसान प्रतिवर्ष दो से ढाई लाख रुपए तक का शुद्ध मुनाफा आसानी से कमा सकते हैं ।
घृतकुमारी की पत्तियों में रस भरा हुआ रहता है ।