पति पत्नी के झगडे की शायरी
कुछ कहना हे, तुम सुनो तो सही!
समझाऊँ तुम्हे में, तुम मौका दो तो सही!
आज फिर खफा हो, मालुम हे मुझे!
मानाने की कोशिश हे तुम मनो तो सही!
पति पत्नी के झगडे की शायरी
मेरी सारी कोशिशे नाकाम हो जाती हे तुम्हे मानाने की,
न जाने कहा से सीखी हे ये अदा तुमने रूठ जाने की।
कोई रूठा हे मुझ से इस कदर,
की ख्याल मानाने का भी नहीं आता।
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पति पत्नी के झगड़े की शायरी
तुम्हे मानाने का एक अलग ही मजा हे,
तुम्हारा रूठना भी तो एक सजा हे।
सुना हे वो आने वाली हे प्यार लेकर,
में भी खड़ा रहूँगा उसके दीदार में कोहिनूर का हार लेकर।
आज बात करता हूँ तेरे कान में लगे उस झुमके की,
क्या कहूं, दिखने में तो बड़ा हसीं लगता हे,
पर सच कहता हूँ, तुझ पर सजने के बाद।
पति पत्नी शायरी ( pati patni shayari )
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pati patni ki pyar bhari shayari
इतना ठहराव होता हे कुछ रिश्तो में,
की चुप भी रहे तो लगता हे बात कर रहे हे।
पत्नी के लिए शायरी इन हिंदी
पति के लिए शायरी
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की चुप भी रहे तो लगता हे बात कर रहे हे।
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